मातृभूमि जय हे - Bablu Sharma

Everyone needs some inspiration, and these motivational quotes will give you the edge you need to create your success. So read on and let them inspire you.

Post Top Ad

Your Ad Spot

मातृभूमि जय हे


मातृभूमि जय हे!

 
हिरण्यगर्भे! जगद-अंबिके!
मातृभूमि! जय हे!
अमरनाथ से रामेश्वर तक,
सोमनाथ से भुवनेश्वर तक।
मेघालय - बंगाल - चेन्नई,
अंदमान, गोआ-परिसर तक।
शस्य-श्यामला, प्राणदायिनी!
पुण्य भूमि! जय हे!
है पीयूष-वारि की धारा,
सूर्य-सोम ने जिसे दुलारा।
पवन प्राण देता नव पल-पल,
षड ऋतुओं ने सदा सँवारा।
रज सिंदूर अर्गजा जैसी,
देवभूमि! जय हे!
अंतरिक्ष, मेदिनी, वनस्पति,
देती जिसको शांति नित्यप्रति।
आदि- स्थान विद्या का, देता
ज्ञान विज्ञान बृहस्पति।
वेदों की अवतार मही,
ऋषि-वृंद-भूमि जय हे!
गंगा- गोदावरी- नर्मदा,
देती जीवन-दान सर्वदा।
मांधाता, विक्रमादित्य, सुर-प्रिय
अशोक की शौर्य-संपदा।
राम-कृष्ण-गौतम-गांधी की,
कर्म भूमि! जय हे!
जहाँ विविध विचार-धारायें,
जीवन को सार्थक बनाएँ।
अनेकता में ऐक्य, ऐक्य में
अनेकता का पाठ पढ़ाएँ।
एक चित्त सब एक प्राण,
आदर्श भूमि! जय हे!
अकथनीय है गौरव-गरिमा,
गा न सके कोई कवि महिमा।
कोटि-कोटि प्राणों में बसती,
तेरी रम्य रूप-छवि-प्रतिमा।
अनुपमेय, अनवद्य, अपरिमित,
धर्म-भूमि! जय हे!
पूजें आबू-विंध्य-हिमाचल,
पाँव पखारे सागर का जल।
ममता का मधु-कोष सदा
बरसाते हैं लहराते बादल।
आभामयी मुक्ति-पथ-दात्री,
पितृ-भूमि! जय हे!
है गीर्वाण धरित्री पावन,
जन-कल्याण मही मनभावन।
देती है आदेश प्रेम का,
ऋषि-निर्वाण-स्थली सुहावन।
स्वर्गादपि गरीयसी अनुपम,
जन्म भूमि! जय हे!

Post Top Ad

Your Ad Spot