संकल्पः- शक्ति ही महाशक्ति - Bablu Sharma

Everyone needs some inspiration, and these motivational quotes will give you the edge you need to create your success. So read on and let them inspire you.

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संकल्पः- शक्ति ही महाशक्ति


परमात्मा ने मानव-जाति को ढेर सारी अलौकिक शक्तियों से पूर्ण कर रखा है। अगर आवश्यकता है तो इस बात कि मनुष्य अपने अंदर छिपे हुए असीम कोष को जागृत कर सकें। अपनी प्रबल संकल्प-शक्ति के सहारे वह अंसभव को संभव बना सकता है।
ऐसा कहा जाता है कि एक बार चार दैवी शक्तियाँ पृथ्वी पर भ्रमण कर रही थीं। रास्ते से गुजरते गुए एक सिद्ध महात्मा ने उन्हें पहचानकर प्रणाम किया। वे शक्तियाँ यह नहीं समझ पाईं कि प्रणाम किसे किया गया। अत: आपस में विवाद करते हुए वे शंका-समाधान के लिए महात्मा के पास पहुंची। महात्मा ने उन सबका क्रमश: परिचय पूछा।
एक शक्ति बोली, ‘‘मैं विधाता हूँ सबका भाग्य लिखती हूँ। मेरी खींची हुई रेखाएँ अमिट होती हैं।’’
महात्मा ने प्रश्न किया, ‘‘क्या आप खींची हुई भाग्यरेखाओं को स्वयं मिटा सकती हैं या बदल सकती हैं ?’’
उत्तर नहीं में मिला। महात्मा बोले, तब मैंने आपको प्रणाम नहीं किया है।

दूसरी शक्ति बोली, ‘‘मैं बुद्धि हूं, विवेक की स्वामिनी हूँ।
महात्मा बोले, मैंने आपको भी प्रणाम नहीं किया, क्योंकि मैं इस सत्य को जानता हूँ कि मार खाने पर बुद्धि आती है और फिर चली जाती है। मनुष्य ठोकर खाने पर ही सचेत होता है, समर्थ हो जाने पर फिर बुद्धि से काम लेना बंद कर देता है।
तीसरी शक्ति बोली, ‘‘मैं धन की देवी हूँ। मनुष्य को समृद्धि देती हूँ, भिखारी को भी राजा बना सकती हूँ।’’
महात्मा मुस्कराए और बोले, ‘‘आप जिसको धन-वैभव से पूरित करती हैं, वह विवेक खो बैठता है तथा लोभ, अंहकार, काम, क्रोध आदि में उसकी प्रवृत्ति बढ़ने लगती है। मेरा प्रणाम आपको भी नहीं था।’’

अब चौथी शक्ति ने अपना परिचय देते हुए कहा, ‘‘मैं संकल्प-शक्ति हूँ। मुझे धारण करने वाला कालजयी होता है। वह त्रैलोक्य की अलभ्य चीजें सहज ही प्राप्त कर सकता है।’’
महात्मा ने ये शब्द सुनते ही चौथी शक्ति को पुन: प्रणाम किया और कहा, ‘‘माते ! आप महाशक्ति हैं, अजेय हैं, अनंत है, कल्याणी हैं। आपके सहारे मनुष्य कुछ भी प्राप्त कर सकता है। मेरा प्रणाम आपको ही निवेदित था।
जन्मदिन के ये ख़ास लम्हें मुबारक,
आँखों में बसे नए ख्वाब मुबारक,
जिंदगी जो लेकर आई है आपके लिए आज...
वो तमाम खुशियों की हंसीं सौगात मुबारक....!!!
...
दर्द सांसों में बसा हो तो उसे निकालिए...
पीड़ा को आस्तीन के सापों सा न पालिए....

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