महंगाई, ग़रीबी, भूख
और बेरोज़गारी जैसे अहम मुद्दों से रोज़ाना और लगातार जूझती देश की अवाम के सामने
भ्रष्टाचार
इस वक्त
सबसे बड़ा मुद्दा और सबसे खतरनाक बीमारी है. अगर इस बीमारी से हम पार पा
गए तो यकीन मानिए सोने की चिड़िया वाला वही सुनहरा हिंदुस्तान एक बार फिर
हम सबकी नजरों के सामने होगा. पर क्या ऐसा हो पाएगा? क्या आप ऐसा कर पाएंगे? जी
हां, हम
आप से पूछ रहे हैं. क्योंकि सिर्फ क्रांति की मशालें जला
कर, नारे
लगा कर, आमरण
अनशन पर बैठ कर या सरकार को झुका कर आप भ्रष्टाचार की जंग
नहीं जीत सकते. इस जंग को जीतने के लिए खुद आपका बदलना जरूरी
है. क्योंकि भ्रष्टाचार और बेईमानी को बढ़ावा देने में आप भी कम गुनहगार
नहीं हैं.