असफलता और दुःख का सबसे बड़ा कारण यह है... - Bablu Sharma

Everyone needs some inspiration, and these motivational quotes will give you the edge you need to create your success. So read on and let them inspire you.

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असफलता और दुःख का सबसे बड़ा कारण यह है...

अधिकांश विवादों की जड़ में ‘मैं’ होता है। अहंकार समाधान कम, समस्याएं ज्यादा पैदा करता है। सफल से सफल लोग अहंकारी होने पर भले ही असफल न हुए हों, पर अशांत जरूर हो गए और अशांति अपने आप में एक असफलता है। अहंकार कैसे उल्टे-उल्टे काम कराता है, पता ही नहीं लगने देता है कि आदमी कब हंस रहा है और कब रो रहा है। चलिए, रावण की सभा में चलते हैं।
सुंदरकांड का वह दृश्य चल रहा था, जहां विश्वविजेता रावण के दरबार में हनुमानजी खड़े थे।
कपिहि बिलोकि दसानन बिहसा कहि दुर्बाद।

सुत बध सुरति कीन्हि पुनि उपजा हृदयं बिषाद।।

हनुमानजी को देखकर रावण दुर्वचन कहता हुआ खूब हंसा। फिर पुत्रवध का स्मरण किया तो उसके हृदय में विषाद उत्पन्न हो गया। यहां दो दृश्य एकसाथ चले हैं।
पहले तो रावण हंसा। इसके बाद उसे तत्काल विषाद, दुख हो गया था। उसे ऐसा लगता था कि दुनिया में कभी उसकी पराजय नहीं हो सकती। उसने तपस्या करके यह वरदान प्राप्त कर लिया था कि वह किसी के हाथों नहीं मारा जाएगा, मनुष्य और बंदरों को छोड़कर।
इतनी बड़ी उपलब्धि एक अहंकारी के लिए उसके अभिमान में वृद्धि करने के लिए काफी थी, लेकिन वह यह भूल गया था कि वरदान उसे मिला है, उसके बेटे को नहीं। अभिमानी रावण ने अपने बच्चों को भी खूब गलत मार्ग दिखाए थे।
आदमी का अहंकार स्वयं को और उसके आसपास के लोगों को परेशानी में डालता ही है। नतीजे में एक बेटा मारा गया और जो रावण सारी दुनिया को दुखी कर रहा था, वह अपनी ही सभा में स्वयं दुखी हो गया और माध्यम थे हनुमानजी।

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