यही है हमारी असली शक्ति और सिद्धि... - Bablu Sharma

Everyone needs some inspiration, and these motivational quotes will give you the edge you need to create your success. So read on and let them inspire you.

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यही है हमारी असली शक्ति और सिद्धि...

संपत्ति के कई रूप हैं। शक्ति व पुण्य को भी संपत्ति माना गया है। इनको प्राप्त करने के कई तरीके हैं। तप से शक्ति और सेवा से पुण्य प्राप्त होते हैं। इनका दुरुपयोग दुर्भाग्य है और सदुपयोग सौभाग्य। शक्ति का प्रवाह नदी की भांति होता है। यदि सही रूप से इसे नहीं संभाला तो यह गलत दिशा में जाएगा। कुछ बातें इनका दुरुपयोग करने में सक्रिय होती हैं।
हमारी देह, इंद्रियां, मन, बुद्धि को इसका दुरुपयोग करने में देर नहीं लगती। इस प्रवाह को परमात्मा तक मोड़ना ही सच्चा पुरुषार्थ है। यह प्रवाह अपने आप में एक मार्ग है। इस मार्ग को वैज्ञानिक रखिए और लक्ष्य परमात्मा रखिए। देखा गया है कि दिमाग यदि वैज्ञानिक हो तो आदमी बाहर की ही दुनिया में रहता है और तर्क के आधार पर फैसले लेता है।
भगवान की ओर चलने में ये बातें उल्टी हो जाती हैं, खारिज नहीं। बुद्धि से विज्ञान को स्वीकार करें और सांसों से भीतर की यात्रा करें। तर्क को नकारें न। बात अच्छी हो या बुरी, उसी के आधार पर स्वीकार करें, फिर तर्क को पकड़कर उसी के पार चले जाएं। विचारों से आमना-सामना कर उनसे झगड़ा नहीं करना है, बस छलांग लगाकर उनके पार ही चले जाना है।
इस पार जाने के लिए शक्ति की जरूरत है और विचारों का सामना करने के लिए पुण्य काम आते हैं। पुण्य का अर्थ है अच्छे कामों से जुड़े रहना। हम जितना भले कार्यो में संलग्न होंगे, उतने ही विचारों से पार जाने में सक्षम हो पाएंगे। आज दुनिया विज्ञान से चल रही है, इसलिए भक्त बनते समय प्रयास किया जाए कि हम आचरण में बुद्धिप्रधान हों, पर प्रवृत्ति में हृदय पर टिकें। तब शक्ति भी एक संतुलन का माध्यम बन जाएगी, जगत तथा जगदीश का।

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