ग्राफिक्स नहीं, कोई सॉफ्टवेयर नहीं, कोई आधुनिक मशीन नहीं फिर भी सदियों पहले हमारे पूर्वजों ने सैकड़ो फिट ऊंचे मंदिरों के भीतरी छतों में ऐसी नक्काशियाँ कीं जो आज के तथाकथित आधुनिक इंजीनियर्स को भी शर्मिंदा कर देती हैं...।।
ये है हमारी सनातन संस्कृत, पर हमें ताजमहल को पढ़ाया गया और हमारी कला को छिपाया गया और यह गुनाह कांग्रेस ने किया जिसके लिए कांग्रेस को कभी माफ नही करूँगा ।।